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लेली मेरी-(तस्सल्ली से)

व्यर्थ का ज्ञान भर भर के मुझ पर क्यूँ यूँ थोप दिया,  पांच साल का था जब मैं,  कंधो पर यूँ बस्ते का बोझ दिया ! गिरते पड़ते मैं बोला खुद से, हाय इन ज़ालिमों ने  लेली मेरी---( तस्सल्ली से) टॉफी चॉकलेट दिखा दिखा कर,  प्रथम आने पर यूँ जोर दिया,  इतिहास, विज्ञान, गणित को पढ़ कर  मैंने अपना माथा फोड़ लिया ! आँखे तरसी, मन भी तरसा,  रो-रो कर मैं बोला खुद से, हाय इन ज़ालिमों ने,  फिर से लेली मेरी---( तस्सल्ली से) हर चीज़ को एक होड़ बनाया  होड़ की दौड़ में हमको दौड़ाया, बिन जाने हम भी बन गए घोड़े,  खाकर चना और कोड़े,  फिर दौड़-दौड़ कर हम बोले खुद से, हाय इन ज़ालिमों ने  लेली  हमारी---( तस्सल्ली से) केबल, थिएटर डिश इत्यादि, सब पर लग गए ताले, क्यूंकि नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ने, जेबो से सबके कच्छे फाड़े !  ब्लॅंकेटस के अंधेरो में, हमने भी खूब धूम मचाई, आँखें फोड़ी लग गया चश्मा, तब जाकर समझी हमने सच्चाई ! अब हम कह...

My Imagination

Perhaps, if I could sit on the moon, and write a poem on its soon. I could write about its beauty, while having a sip of my coffee. But here things are not so real, like the grass isn't greener by near. Your imaginary beauty from here, gets fail when I come to you there. I craved to see you from near, & this craving left me in fear. Now I've become a great seer, seeing departure takes us very near. Sometimes come in my dream & ping, Do adoring dance when I sing. I do imagine a lot of things, You flow as fragrance,  & I become a wind. OH MY LOVE I do imagine a lot of things, because it doesn't cost me anything. ______________________

डिग्रियों के बोझ में ये दबा इंसान

डिग्रियों के बोझ में ये दबा इंसान, बनना चाहे सी.ए. डॉक्टर वकील जैसा बड़ा इंसान  चाहे उड़ना आसमानो में  ये इंसान, किन्तु किताबो के बोझ ने परो को न दी उड़ान डिग्रियों के बोझ में ये दबा इंसान, बनना चाहे सी.ए. डॉक्टर वकील जैसा बड़ा इंसान  रो रो कर किताबो को यूँ दिल से लगाया, बचपन फिर जवानी को यूँही गवाया  रखा भविष्य बनाने में सम्पूर्ण ध्यान, और वर्तमान में लगा दी इसने अपनी पूरी जान  डिग्रियों के बोझ में यह दबा इंसान, बनना चाहे सी.ए. डॉक्टर वकील जैसा बड़ा इंसान  कभी खुद से कुएं में लगा दी छलांग, तो कभी माँ बाप के सपनो को दी उड़ान  डिग्रियों के बोझ में ये दबा इंसान, बनना चाहे सी.ए. डॉक्टर वकील जैसा बड़ा इंसान  डिग्री लेकर पैसो की अंधी दौड़ ने इसको ऐसा भगाया  कमाई और सिर्फ कमाई, जो भी आयी कम ही आयी  के लालच ने इसको ऐसा भरमाया  दलदल से फिर इसके ये कभी न निकल पाया  चाहकर भी दिल की वीणा को ये न बजा पाया  तारो के इनको रत्तीभर झंकार न दे पाया  बच्चो को वही पढ़ाया जो ये...

सूखा पत्ता

खुद से पककर  जब तू टूटेगा  न दिशा न कोई  तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं  जिस धरा पे तुझे  वही तेरा एक  मात्र निशाँ होगा  पकने से पहले तू  टूटने की कोशिश  जरा भी न करना  अधूरी वासनाओ संग  फिर से सफर  तय न करना  मिल जाएगी  तेरी मंज़िल इन  बहती हवाओं में तुझे  लड़कर न तू इनसे बेनिशाँ होना ___________

ये मौसम इतना रुखा क्यों इस बारिश में भी सूखा क्यों

ये मौसम इतना रुखा क्यों  इस बारिश में भी सूखा क्यों ज्वाला जो ये फटने को है  फिर अग्नि इसकी शांत है क्यों  इस  शोर में इतना सूनापन है  हर शब्द से पहले ख़ामोशी क्यों  इन आँखों में नींद नहीं जब  तू सपनो को फिर पाले क्यों  सच्चाई पर चलकर भी तू  इन अंगारो से गुजरो क्यों  ये मौसम इतना रुखा क्यों  इस बारिश में भी सूखा क्यों ******

मन का प्याला

ये प्यास बहुत बढ़ी है सागर भी थोड़ा पड़ता है अधरों से अब तो तेरे मेरे मन का प्याला भरता है !! धड़कन धक् धक् होती है जब जब तू मुझसे मिलती है मिश्री जैसी  बोली तेरी मेरे मन का प्याला भरती  है !! भगदड़ भरी आपाधापी में जब जब ऊबन हो जाती है फिर मीठी सी मुस्कान ये तेरी मेरे मन का प्याला भरती  है !! मन ही मन में तेरे आने का इंतज़ार मै करता हूँ ! कभी सपनो में, तो कभी मीठी यादो मे, यूँही मन का प्याला भरता हूँ ये मन का प्याला भर भर के फिर फिर क्यूँ खाली हो जाता है ! तेरी राह बिछाये सोच सोच में मन का हर कोना तुझमें खो जाता है !! *******

Nothing stays here, all things come and go.

Today clouds have become too lighter after the heavy rain of yesterday night. Touch of mild Sun and breeze have cosmic sensation inside me. I went cycling and all things were in shape. Here nothing stays much. All things come and go. Thoughts, feelings Sensations, all are moving one after another. I'm with gratitude that I am able to experience the truth of this vast existence which is embracing me and uncountable and unimagined creatures, trees, universe, planets, and much more. There is no darkness because light has surrounded all where. Much Love Peace and Light to all....!!