वो पल बहुत ही खूबसूरत होगा मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा चौकस की चाय में दम होगा न होगा पर अपना मिलना जरूर दमदार होगा उसकी अटपटी बातेँ और पार्क का हरेक फूल मदमस्त होगा मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा बोल बोल के पका देगा या शांत हो धीमी सी हँसी देगा पर जो भी देगा मेरे मन आँगन में स्वीकार होगा भूल जायेंगे दुनिया की बातेँ फिर होंगी सिर्फ तेरी मेरी बातें चलना उसके कदमो के साथ बहुत ही ध्यानमग्न होगा मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा _______________ यारो की शायरी मेरे लिए बहुत ख़ास है कि तुम जैसे दोस्त मेरे पास है हमेशा मेरे दिल में रहोगे जब तक बाकि मुझमे सांस है जब अकेला होता हूँ तुम्हारी यादें मुझे घेर लेती है ...
खुद से पककर जब तू टूटेगा न दिशा न कोई तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं जिस धरा पे तुझे वही तेरा एक मात्र निशाँ होगा