नींदों में तेरी या फिर यादो में मिलता हूं अच्छा अब मैं चलता हूं अंधेरों का मेरा सफ़र तेरी रोशनी में तय करता हूं अच्छा अब मैं चलता हूं यादें तेरी बहुत संजोली अब उनमें जी लेता हूं अच्छा अब मैं चलता हूं नींदों में तेरी या फिर यादों में मिलता हूं अच्छा अब मैं चलता हूं अच्छा अब मैं चलता हूं *****
खुद से पककर जब तू टूटेगा न दिशा न कोई तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं जिस धरा पे तुझे वही तेरा एक मात्र निशाँ होगा