खुद से पककर जब तू टूटेगा न दिशा न कोई तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं जिस धरा पे तुझे वही तेरा एक मात्र निशाँ होगा पकने से पहले तू टूटने की कोशिश जरा भी न करना अधूरी वासनाओ संग फिर से सफर तय न करना मिल जाएगी तेरी मंज़िल इन बहती हवाओं में तुझे लड़कर न तू इनसे बेनिशाँ होना ___________
खुद से पककर जब तू टूटेगा न दिशा न कोई तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं जिस धरा पे तुझे वही तेरा एक मात्र निशाँ होगा