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Expect and Love will disappear

Keep Expectation and Love will disappear. Love is giving without having any expectation of getting it back. Flower of Love blooms when we don't possess, and free other things let them happen in their own accord. Wife and Husband words only depict possession - She is my wife. He is my husband. Parents want their kids to become what they want and be crutch at their old age and when it doesn't happen there will be misery. Then they think how much we had done to grown-up our child but all had gone in vain. This is because the first step was kept with expectation.
Possession and Expectation are meant as Love mistakenly in this society. How much power we put to possess and expect, with the same power things will go far away from us. The Moment we allow things to happen and don't interrupt, we come closer to them. It doesn't mean if we allow and let things happen we will get them, rather there will be acceptance with existence that whatever will happen I will not be a hurdle and accept totally whatever comes on my way. People want from there partner that he or she should be like that, here mind is doing nothing but imposing it's liking on others. The foundation root of Love will start from the expectation and the moment expectation enters Love disappears.

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I can not make you understand with my words if you are not able to understand me in silence. And i always think that why your eyes recognised me but you did not? May be your wings also tied up to fly high and enjoy the wonder of this limitless sky. Thanks for letting it go.

काश कोई होती

काश कोई होती जिस पर कविता कभी गज़ल लिखते कोई खूबसूरत  हसीन  नाम जिसका कादंबरी कभी मुमताज महल लिखते निर्मल होता मन जिसका पावन पवित्र ऐसा कभी उसको नर्मदा कभी गंगाजल लिखते गहरी आंखें जैसे कोई सागर मंत्रमुग्ध करती उसको कभी झील का कमल लिखते बातें ऐसी जो  अस्तित्व भुला दे डूब कर उसके भावों में जीवन का हल लिखते साथ होता ऐसा जैसे रात में चांदनी भूल कर गमों को अपने साथ उसके अपना कल लिखते छुपा लेती मुझे बचा लेती मुझे जीवन की धूप से साए को उसके अपना आंचल लिखते झटकती सुखाती अपने बालों को ऐसी बरसात की घटाओं का रंग काजल लिखते नहा कर  उसके प्यार में सब पाप मिट जाते ऐसे यार को पहली बरसात का बादल लिखते कोई पछतावा न रहता जीवन में हार जाने का जब नाम उसके साथ अपना पागल लिखते उसकी हंसी को संगीत बना कर जीवन का गीत पल पल लिखते अब वो नही है तो हमे क्या खबर कि हम  क्या क्या लिखते। (मेरे यार कविकास की अधूरी रचना ) *****

मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा -150220

वो पल बहुत ही खूबसूरत होगा   मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा   चौकस की चाय में दम होगा न होगा   पर अपना मिलना जरूर दमदार होगा   उसकी अटपटी बातेँ और पार्क का   हरेक फूल मदमस्त होगा   मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा   बोल   बोल के पका देगा या   शांत हो धीमी सी   हँसी  देगा   पर जो भी देगा   मेरे मन आँगन में  स्वीकार होगा भूल जायेंगे दुनिया की बातेँ   फिर   होंगी  सिर्फ तेरी   मेरी बातें   चलना उसके कदमो के साथ   बहुत ही ध्यानमग्न होगा   मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा   मेरा यार जब मुझसे रूबरू होगा   _______________ यारो की शायरी मेरे लिए बहुत ख़ास है   कि तुम जैसे दोस्त मेरे पास है   हमेशा मेरे दिल में रहोगे   जब तक बाकि मुझमे सांस है   जब अकेला होता हूँ   तुम्हारी यादें मुझे घेर लेती है  ...