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Showing posts from October, 2021

मेरी कल्पना मेरा गुज़रा कल

काली साड़ी  में आज मेरी स्वाती मैडम  काली साड़ी को यदि कोई काली रात कह दे  तो उस रात का चाँद है मेरी स्वाती मैडम  स्वाती सी.ए. इंस्टिट्यूट में काम करती  एक ऐसी सुन्दर लड़की का नाम है  जो अन्य लड़कियों से बिलकुल अलग है  और मुझे अत्यंत प्रिय है  उसके व्यवाहर में वो मधुरता  उसकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता  उसका वो बच्चो को प्यार से कंप्यूटर सिखाना  मुझे मौन होकर सोचने पर मजबूर कर देना  उसका वो मेहरून हाई नैक का फर वाला स्वेटर  उसके ऊपर काली जैकेट और जीन्स का पहनना  उसके होठो पर वो गुलाबी लाइट लिपस्टिक  और लिपस्टिक पर डार्क बॉउंड्री लाइन  जब आती अगरबत्ती सी जल जाती  वो नक्षत्रो की देवी  चक्कर काटते काटते प्रश्न बोलती  होठो से जैसे झड़ते फूल -२  इन फूलो को दौड़कर थामना चाहता  कहीं कोई फूल धरती पर न गिरे -२  मुझे तो वह एक मोमबत्ती लगती है  खुद जलकर दूसरो को रौशनी देती है तितली सी वो क्लास रूम में उड़ती  फिर थककर अपनी कुर्सी पर जा बैठती  वो बच्चो का उसक...