जितना दूर जाओगे उतना ही करीब आओगे हम तो वो दरिया है गर तैरने की कोशिश की तो डूब जाओगे आँचल छुड़ा कर भले जो तुम हमसे दूर हुए तन्हाईओं में अपनी हमे ही पाओगे जितना दूर जाओगे उतना ही करीब आओगे हम तो वो दरिया है गर तैरने की कोशिश की तो डूब जाओगे ****
खुद से पककर जब तू टूटेगा न दिशा न कोई तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं जिस धरा पे तुझे वही तेरा एक मात्र निशाँ होगा