Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2019

मन का प्याला

ये प्यास बहुत बढ़ी है सागर भी थोड़ा पड़ता है अधरों से अब तो तेरे मेरे मन का प्याला भरता है !! धड़कन धक् धक् होती है जब जब तू मुझसे मिलती है मिश्री जैसी  बोली तेरी मेरे मन का प्याला भरती  है !! भगदड़ भरी आपाधापी में जब जब ऊबन हो जाती है फिर मीठी सी मुस्कान ये तेरी मेरे मन का प्याला भरती  है !! मन ही मन में तेरे आने का इंतज़ार मै करता हूँ ! कभी सपनो में, तो कभी मीठी यादो मे, यूँही मन का प्याला भरता हूँ ये मन का प्याला भर भर के फिर फिर क्यूँ खाली हो जाता है ! तेरी राह बिछाये सोच सोच में मन का हर कोना तुझमें खो जाता है !! *******