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Showing posts from January, 2020

सूखा पत्ता

खुद से पककर  जब तू टूटेगा  न दिशा न कोई  तेरा मंज़र होगा ले जाएँगी हवाएं  जिस धरा पे तुझे  वही तेरा एक  मात्र निशाँ होगा  पकने से पहले तू  टूटने की कोशिश  जरा भी न करना  अधूरी वासनाओ संग  फिर से सफर  तय न करना  मिल जाएगी  तेरी मंज़िल इन  बहती हवाओं में तुझे  लड़कर न तू इनसे बेनिशाँ होना ___________