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Showing posts from August, 2019

ये मौसम इतना रुखा क्यों इस बारिश में भी सूखा क्यों

ये मौसम इतना रुखा क्यों  इस बारिश में भी सूखा क्यों ज्वाला जो ये फटने को है  फिर अग्नि इसकी शांत है क्यों  इस  शोर में इतना सूनापन है  हर शब्द से पहले ख़ामोशी क्यों  इन आँखों में नींद नहीं जब  तू सपनो को फिर पाले क्यों  सच्चाई पर चलकर भी तू  इन अंगारो से गुजरो क्यों  ये मौसम इतना रुखा क्यों  इस बारिश में भी सूखा क्यों ******